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मिमजर / नंदकिशोर आचार्य


तुम्हारे आने की खबरें हैं
नीम पर मिमजर।

मिट्टी के भीगे कुल्हड़ में
फिर पिऊँगा शरबत
मीठा, सुवासित, ठण्डा
झीने अँधेरे में बैठ कर।
चुक जायेगा वह तो
आँखों पर रखे रहूँगा देर तक
रीता हुआ कुल्हड़
महसूस करते हुए
उस की निंदिदायी शीतलता
जाने के देर बाद तक
तुम्हारे साथ का एहसास !

(1987)