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मूर्ख भटा / प्रभुदयाल श्रीवास्तव

ठण्ड पड़ी तो निकल पेड़ से,
भटा ठिठुरकर भागा।
वहीँ पास रहती थी चीटी,
स्वेटर उससे माँगा।
चीटी बोली बहुत मूर्ख हो,
पत्तों में छुप जाओ,
जितने चाहो उतने ओढो,
अपनी ठण्ड बचाओ।