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मेरठ-7 / स्वप्निल श्रीवास्तव


वह मकान वहाँ नहीं है

जहाँ मैं नौकरी की शुरूआत में

रहा करता था


राहत अली की चाय की दुकान

भी नहीं है

जहाँ मैं पीता था चाय

वहाँ एक मज़ार है जहाँ

पिछले हफ़्ते के सूखे हुए

फूल काँप रहे हैं