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मेरी आँखों में / रुस्तम

तुम्हारा चेहरा तुम्हारा चेहरा नहीं
मेरी आँखों में
तुम्हारे चेहरे पर जो हो उठी हैं
घनी।

यह वो जगह नहीं जहाँ पर हम पहुँचे हैं
जिसे हम छोड़ आए हैं पीछे
जो आगे मिलेगी
मेरी आँखों में
तुम्हारे चेहरे पर जो हो उठी हैं
घनी।