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मेरी कविता / रेणु हुसैन

थोड़ा प्यार
थोड़ी रुसवाई
 
थोड़ा उजाला
थोड़ी तन्हाई

थोड़ी आशा
थोड़ी निराशा
 
थोड़ी मौन
थोड़ी अभिव्यक्त
 
थोड़ा राग
थोड़ी आग