मेले में आई हैं
साधारण सी औरतें-लड़कियां
जिन्हें काम होता है ज्यादा
और सजने-संवरने को
वक्त और साधन कम
वे तो बहुत कम हैं
जिनके लिए हर दिन
मेले का दिन होता है
हाँ! उनके घरों से
लड़के जरुर पहुँचे हैं
मारने के लिए
कुहनियाँ- कंधे!
मेले में आई हैं
साधारण सी औरतें-लड़कियां
जिन्हें काम होता है ज्यादा
और सजने-संवरने को
वक्त और साधन कम
वे तो बहुत कम हैं
जिनके लिए हर दिन
मेले का दिन होता है
हाँ! उनके घरों से
लड़के जरुर पहुँचे हैं
मारने के लिए
कुहनियाँ- कंधे!