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मैं हूँ जोकर / श्रीप्रसाद

बोली हँसकर, मत यों रोकर
मैं हूँ जोकर
चुहिया लाओ बिल्ली आई है
मुँह धोकर
लेकिन तुम तो दस बजे उठे हो
अब सोकर
अब शाला जाओ तीन-तीन
घंटे खोकर
बोलो हँसकर, मत यों रोकर
मैं हूँ जोकर

गदहे ने अपना गाना गाया
खुश होकर
तो कोयल बोली, बुद्धि कहाँ
रक्खी ढोकर
मर गया शेर, खाकर के
बकरे की ठोकर

बोलो हँसकर, मत यों रोकर
मैं हूँ जोकर।