हमें
सामर्थ्य-क्षमता का
परिज्ञान कैसे हो ?
हमें
सम्भावनाओं का
अनुमान कैसे हो ?
हम अपरिणामी, तटस्थ, अयुक्त
स्थितियों में
जीते हैं !
सामर्थ्य-क्षमता का
परिज्ञान कैसे हो ?
हमें
सम्भावनाओं का
अनुमान कैसे हो ?
हम अपरिणामी, तटस्थ, अयुक्त
स्थितियों में
जीते हैं !