जितने आँसू पोछे जग के,
उतने आँसू मैं रोया हूँ
हँसा हँसा कर, खून जलाया
और बना मैं वह 'खोया' हूँ
यहाँ मिले सभी हंसने वाले
रुके, हँसे और चले गये
सबको नींद सलोनी आई
जाग जागकर मैं सोया हूँ।
जितने आँसू पोछे जग के,
उतने आँसू मैं रोया हूँ
हँसा हँसा कर, खून जलाया
और बना मैं वह 'खोया' हूँ
यहाँ मिले सभी हंसने वाले
रुके, हँसे और चले गये
सबको नींद सलोनी आई
जाग जागकर मैं सोया हूँ।