समन्दरों से मरुस्थल की
मुलाक़ात का पानी
झर जाए बदलियों से
बरसात का पानी
रूंखों में है उदासी
ख़ामोश है पहाड़ी
खेतों में घनी चुप्पी
धूलों से भरी झाड़ी
धरती के नहाने की
आवाज़ का पानी
झर जाए बदलियों से
बरसात का पानी
समन्दरों से मरुस्थल की
मुलाक़ात का पानी
झर जाए बदलियों से
बरसात का पानी
रूंखों में है उदासी
ख़ामोश है पहाड़ी
खेतों में घनी चुप्पी
धूलों से भरी झाड़ी
धरती के नहाने की
आवाज़ का पानी
झर जाए बदलियों से
बरसात का पानी