उतना ही चाहिए रंग
रंग जाऊँ
कविता के संग
सुगन्ध उतनी ही कि
कविता महके
और व्याप जाए धरती जितनी
चिड़िया भर शब्द
चहकते रहें
उम्र भर।
उतना ही चाहिए रंग
रंग जाऊँ
कविता के संग
सुगन्ध उतनी ही कि
कविता महके
और व्याप जाए धरती जितनी
चिड़िया भर शब्द
चहकते रहें
उम्र भर।