Last modified on 12 नवम्बर 2009, at 21:39

रघुवर की सुधि आई / भजन

आज मुझे रघुवर की सुधि आई ।

आगे आगे राम चलत हैं ।
पीछे लछमन भाई ।
तिनके पीछे चलत जानकी ।
बिपत कही ना जाई ॥

सीया बिना मोरी सूनी रसोई ।
लछमन बिन ठकुराई ।
राम बिना मोरी सूनी अयोध्या ।
महल उदासी छाई ॥