Last modified on 6 फ़रवरी 2011, at 13:02

रद्दे-अमल / साहिर लुधियानवी

चन्द कलियाँ निशात की चुनकर
मुद्दतों महवे-यास रहता हूँ
तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही
तुझ से मिलकर उदास रहता हूँ