किया ही नहीं
जीवन में कभी
नाप-तौल।
अब क्या करूँगा ?
मैंने दिया
जितनी चाह थी ।
राजकुमारी तुमने दिया
बस उतना ही लिया-
मैंने तुम्हारा प्रेम !
बाकी प्रेम
जो नहीं दिया
उसे छूना तो दूर
देखा तक नहीं ।
किया ही नहीं
जीवन में कभी
नाप-तौल।
अब क्या करूँगा ?
मैंने दिया
जितनी चाह थी ।
राजकुमारी तुमने दिया
बस उतना ही लिया-
मैंने तुम्हारा प्रेम !
बाकी प्रेम
जो नहीं दिया
उसे छूना तो दूर
देखा तक नहीं ।