रास्ते पर चलते–चलते
भीड़ में जलते-जलते
अकेले हो जाने पर
हम राख हो जायेंगे
और अगर
कोई साख चाहेगा
तो हम इस तरह
अपनी राख से
अपने शानदार ज़माने की
साख हो जायेंगे
रास्ते पर चलते–चलते
भीड़ में जलते-जलते
अकेले हो जाने पर
हम राख हो जायेंगे
और अगर
कोई साख चाहेगा
तो हम इस तरह
अपनी राख से
अपने शानदार ज़माने की
साख हो जायेंगे