हवा हुई शैतान!
खिड़की दरवाजे खड़काए,
बेपर कागज खूब उड़ाए,
सारे घर में धूल बिखेरे
अम्माँ है हैरान!
हवा हुई शैतान!
हँसते फूलों को दुलराती,
बादल कहाँ-कहाँ ले जाती,
बाँसों से सीटी बजवाए
कैसी इसकी शान!
हवा हुई शैतान!
खिड़की दरवाजे खड़काए,
बेपर कागज खूब उड़ाए,
सारे घर में धूल बिखेरे
अम्माँ है हैरान!
हवा हुई शैतान!
हँसते फूलों को दुलराती,
बादल कहाँ-कहाँ ले जाती,
बाँसों से सीटी बजवाए
कैसी इसकी शान!