हर साल आते हैं
ये पावणे
हजारों मील से
तिलोर, बट्टा, मुर्गाबी
और कुरजां
देखते ही नहीं
अब तो लोग जानते हैं
इनका स्वाद भी।
हर साल आते हैं
ये पावणे
हजारों मील से
तिलोर, बट्टा, मुर्गाबी
और कुरजां
देखते ही नहीं
अब तो लोग जानते हैं
इनका स्वाद भी।