कमरे में स्याह अँधेरा था
मैं खोज रही थी सूई
ऑखों ने दे दिया था जबाव
आस-पास नहीं थी कोई माचिस की तीली
नहीं था रोशनी का कोई दूसरा हिसाबो-किताब
कि तभी चमका
ईशान-कोण में धूप का चकत्ता
मैंने जाना उसी दिन रोशनदान का मतलब
अँधेरे में रोशनी की सेंध लगाने की बेचैनी