शिक्षा: डॉ रोहिताश्व अस्थाना ने गजलों पर पहला शोध किया है उनके लिखे साहित्य पर
लखनउ विश्वविद्यालय सहित अनेक विश्वविद्यालयों में शोध हो रहे हैं
प्रकाशन:
- ‘जल तरंग बजते हैं’ (प्रणय गीत संग्रह),
- ‘माँझी’, ‘जय इंदिरा’ (खण्डकाव्य),
- ‘माटी की गंध’, ‘चाँदी की चूड़ियाँ’ (उपन्यास) और
- ‘बाँसुरी विस्मित है’ (हिन्दी ग़ज़ल संग्रह)।
हिन्दी ग़ज़लों पर उन्होंने
- ‘हिन्दी ग़ज़ल : उद्भव और विकास’ नाम से सबसे पहला शोध-ग्रंथ भी लिखा है।
- बाल साहित्य में भी उनके रचनात्मक योगदान पर काफी चर्चा हुई है। हिन्दी व अंग्रेजी की पत्र-पत्रिकाओं में साक्षात्कार, कहानियाँ एवं कविताएँ प्रकाशित।