पहाड़ पर चढ़ो तो पहाड़, पहाड़ नहीं रह जाता
नदी पार कर लो तो नदी, नदी नहीं रह जाती
लेकिन आदमी को
जितना समझते जाओ
उतना वह मुश्किल होता जाता है।
पहाड़ पर चढ़ो तो पहाड़, पहाड़ नहीं रह जाता
नदी पार कर लो तो नदी, नदी नहीं रह जाती
लेकिन आदमी को
जितना समझते जाओ
उतना वह मुश्किल होता जाता है।