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वर्जित बोल / उमा अर्पिता

तुम्हारी अबोली आँखों ने भी
सीख लिया है--
अनवरत बोलना/बतियाना,
तब ऐसे में
कुछ भी कहना व्यर्थ है...!
बेहतर होगा --
बिछा दी जाएँ चुप्पी की सुरंगें!
क्या जानते नहीं तुम दोस्त
कि प्रेम की दुनिया में
बोल वर्जित होते हैं...!