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वस्तुस्थिति / लालित्य ललित


बड़ा अफसर
छोटे अफसर को डांटता है
छोटा अफसर बाबू को
बाबू चपरासी को
चपरासी डांटता है घर में
अपनी पत्नी को
पत्नी बच्चों की पिटाई करती है बच्चे
चुपचाप बाबूजी की साईकिल के
साथ सटी खड़ी
रामखिलावन पहलवान
चाय वाले की साईकिल की
हवा निकाल देते हैं
और पीपल के चबूतरे पर बैठ
रंग-बिरंगी गोलियां
खाते हुए खीं-खीं
करते हैं मां सब जानती है
मुस्कराती है और भीतर जा कर
चपरासी पति को
रिझाने लगती है
उसको आज दिवाली पर
बोनस जो मिला है ।