वारी थारा मुखड़ा की श्याम सुजान।
मंद-मंद मुख हास बिराजै कोटिक काम लजान।
अनियारी अँखिया रसभीनी बाँकी भौंह कमान॥
दाड़िम दसन अधर अरुणारे बचन सुधा सुखखान।
जामसुता प्रभुसों कर जोरे मेरे जीवन प्रान॥
वारी थारा मुखड़ा की श्याम सुजान।
मंद-मंद मुख हास बिराजै कोटिक काम लजान।
अनियारी अँखिया रसभीनी बाँकी भौंह कमान॥
दाड़िम दसन अधर अरुणारे बचन सुधा सुखखान।
जामसुता प्रभुसों कर जोरे मेरे जीवन प्रान॥