लेकिन कैसे
निकलता है पत्थर से जल
और काँटों से फूल
और
सौ करोड़ लोगों के मौन से
कैसे पैदा होती है भाषा
शब्दों के
ढाई घर वाले गाँव में ही
बार-बार क्यों हुआ कविता का जन्म
सोचो ...
अगर संभव हो अब भी सोच पाना
लेकिन कैसे
निकलता है पत्थर से जल
और काँटों से फूल
और
सौ करोड़ लोगों के मौन से
कैसे पैदा होती है भाषा
शब्दों के
ढाई घर वाले गाँव में ही
बार-बार क्यों हुआ कविता का जन्म
सोचो ...
अगर संभव हो अब भी सोच पाना