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इंसान की मुकम्मिल पहचान मेरे राम / पवन कुमार मिश्र
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05:04, 15 दिसम्बर 2010
'''शिवाला की आरती के प्रान मेरे राम,'''
'''रमजान की अज़ान के भगवान् मेरे राम।'''
'''
वतन में मुश्किलों का तूफ़ान मेरे राम,
'''
फिर से पुकारता है हिन्दुस्तान मेरे राम।'''
Pawan kumar mishra
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