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तक्सूई / साहिर लुधियानवी

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जब तुम्हे मुझसे जियादा है जमाने का ख़याल
फिर मेरी याद में यूँ अश्क बहाती क्यों हो?  तुममे हिम्मत है तो दुनिया से बगावत कर लो वरना माँ बाप जहां कहते हैं शादी कर लो
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