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02:50, 2 जनवरी 2011 <poem>और कुछ देर हँस हँसा लें चलो
दर्द को दिल में ही छुपा लें चलो
चाँदनी में जरा नहा लें चलो
उनको यादो में फिर बुला लें चलो
फिर बुला कर उन्हें बहाने से
हालते दिल जरा सुना लें चलो
दोस्तों नफरतों के नाम कोई
ख़त मुहब्बत का लिख लिखा लें चलो
फिर उन्हें सामने बिठा के 'अनिल'
प्यार की एक ग़ज़ल सुना लें चलो</poem>