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[[Category:गीत]]{{KKCatNavgeet}}<poem>
ममता से, करुणा से, नेह से दुलार से
 घाव जहां जहाँ भी देखो, सहलाओ प्यार से।से ।
नारों से भरो नहीं
 
भरो नहीं वादों से
 
अंतराल भरो सदा
 गीतों -संवादों से हो जायेंगे जाएँगे पठार शर्तिया कछार से।से ।
भटके ना राहगीर
 कोई अंधियारे अँधियारे में 
दीये की तरह जलो
 
घर के गलियारे में
  लड़ो आर-पार की लड़ाई अंधकार से।से ।
हाथ बनो, पैर बनो
 
राह बनो जंगल में
 
लहरों में नाव बनो
 
सेतु बनो दलदल में
 प्यासों की प्यास हरो पानी की धार से।से ।</poem>
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