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अस्वीकरण
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किसकी कुशल-क्षेम पूछें अब / नईम
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,
06:57, 9 जनवरी 2011
:फिक्रमंद इन-उनकी ख़ातिर
:अपनी ही गो ख़बर नहीं है ।
:समय
रूक
रुक
गया है पहाड़-सा
:बजता कोई गजर नहीं है ।
पहचाने खो गई हमारी
डा० जगदीश व्योम
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