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माई मैनें गोविंद लीन्हो मोल / मीराबाई
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13:31, 9 जनवरी 2011
कोई कहे हलका कोई कहे भारी। लियो है तराजू तोल॥ मा०॥१॥
कोई कहे ससता कोई कहे महेंगा। कोई कहे अनमोल॥ मा०॥२॥
ब्रिंदाबनके जो कुंजगलीनमों।
लायों है बजाकै
लियों बंजंता
ढोल॥ मा०॥३॥
मीराके प्रभु गिरिधर नागर। पुरब जनमके बोल॥ मा०॥४॥
</poem>
Vaibhav Kumar Nain
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