गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
फूल और कली / उदयप्रताप सिंह
8 bytes added
,
13:47, 20 जनवरी 2011
{{KKRachna
|रचनाकार=उदयप्रताप सिंह
}}{{
KKCatKavita
KKVID|v=h-kjFbdK2Es
}}
<poem>
फूल से बोली कली क्यों व्यस्त मुरझाने में है
Bharat wasi
35
edits