Changes

|रचनाकार=गोपाल सिंह नेपाली
}}
{{KKCatKavita‎KKCatGeet}}
<poem>
अपनेपन का मतवाला था भीड़ों में भी मैं
चाहे जिस दल में मिल जाऊँ इतना सस्ता
मैं हो न सका
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits