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यहाँ तो लोग बदलते हैं मौसमों की तरह / चाँद शुक्ला हदियाबादी
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14:17, 27 जनवरी 2011
निभाई दोस्ती तुमने भी दुश्मनों की तरह
जो अपनी ऐनकें ही
साफ़ कर नहीं पाते
उन्हें तो 'चाँद' भी दिखता है बादलों की तरह
</poem>
द्विजेन्द्र द्विज
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