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आवो आपां प्यार करां / सत्येन जोशी
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22:18, 31 जनवरी 2011
हिळमिळ हेत प्रीत दरसावां,
अेक
एक
दूसरे रा गुण गावां,
भंाडां
भांडां
गळी गळी में वां नै,
घर घर जा, परचार करां।
थपड़ा मार, गाल पम्पोळा
दांत काढ़, मू’डो मचकोळा,
अेक
एक
दूसरे रै बाथां पड़,
कोतक बीच बजार करां।
Neeraj Daiya
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