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वो जब अपनी ख़बर दे है / गौतम राजरिशी
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09:11, 27 फ़रवरी 2011
रदीफ़ो-काफ़िया निखरे
ग़ज़ल जब से
बहर
हुनर
दे है
{द्विमासिक आधारशिला, जनवरी-फरवरी 2009}
</poem>
Gautam rajrishi
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