* [[फाग मैं, कि बाग मैं, कि भाग मैं रही है भरि / ग्वाल]]
* [[चाहिए जरूर इनसानियत मानुस को / ग्वाल]]
* [[ग्रीषम की गजब धुकी है धूप धाम-धाम / ग्वाल]]
* [[पाय रितु ग्रीषम बिछायत बनाय, वेष / ग्वाल]]
* [[सूरज-सुता के तेज तरल तरंग ताकि / ग्वाल]]
* [[ग्रीषम की पीर के विदीर के सुनो ये साज / ग्वाल]]
* [[बरफ-सिलान की बिछायत बनाय करि/ ग्वाल]]
* [[मेष-वृष तरनि तचाइन के त्रासन तें / ग्वाल]]
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