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रात यह हेमंत की / गिरिजाकुमार माथुर
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19:38, 31 मार्च 2011
|रचनाकार=गिरिजाकुमार माथुर
|संग्रह=धूप के धान / गिरिजाकुमार माथुर
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<Poem>
कामिनी-सी अब लिपट कर सो गई है
Pratishtha
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