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मौत / मुईन अहसन जज़्बी

35 bytes added, 20:35, 5 अप्रैल 2011
{{KKRachna
|रचनाकार=मुईन अह्सन जज़्बी
}} {{KKAnthologyDeath}} {{KKCatKavita}}
अपनी सोई हुई दुनिया को जगा लूं तो चलूं<br>
अपने ग़मख़ाने में एक धूम मचा लूं तो चलूं<br>