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कवितावली/ तुलसीदास / पृष्ठ 13

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कीन्ही भली रघुनायकजू! करूना करि काननको पगु धारें।28।
///// ह्वैहैं सिला सब चंदमखीं परसें पद मंजुल कंज तिहारे।  कीन्ही भली रघुनायकजू! करूना करि काननको पगु धारें।28।  (इति अयोध्या काण्ड)
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