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कवितावली/ तुलसीदास / पृष्ठ 13
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14:13, 6 अप्रैल 2011
कीन्ही भली रघुनायकजू! करूना करि काननको पगु धारें।28।
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ह्वैहैं सिला सब चंदमखीं परसें पद मंजुल कंज तिहारे।
कीन्ही भली रघुनायकजू! करूना करि काननको पगु धारें।28।
(इति अयोध्या काण्ड)
</poem>
Dr. ashok shukla
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