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अगर हम अपने दिल को / कुँअर बेचैन
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06:10, 15 अप्रैल 2011
'कुँअर' कुछ लोग हैं जो अपने धड़ पर सर नहीं रखते
अगर झुकना नहीं होता तो वो भी सर बना लेते
'''''-- यह रचना [[Dr.Bhawna Kunwar]] द्वारा कविताकोश में डाली गयी है।'''''
</poem>
अनिल जनविजय
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