गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
अम्बर बदन झपाबह गोरि / विद्यापति
37 bytes added
,
14:34, 18 अप्रैल 2011
{{KKRachna
|रचनाकार=विद्यापति
}} {{KKCatKavita}}
{{KKAnthologyKrushn
}}
अम्बर बदन झपाबह गोरि।<br>
राज सुनइ छिअ चांदक चोरि।।<br>
Pratishtha
KKSahayogi,
प्रशासक
,
प्रबंधक
6,240
edits