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|रचनाकार=शास्त्री नित्यगोपाल कटारे
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जिन्दगी तोरे बिन रीती रीती पिया
कैसे कैसे के एक साल बीती पिया।।
खिड़की से झांके पड़ौसी गिरधारी
किस जतन से मदन से मैं जीती पिया।।कैसे कैसे,,,,,,,,,
</poem>