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मुख्य मुख्य गायक के चट्टान जैसे भारी स्वर स्वर का साथ देती
वह आवज़ आवाज़ सुंदर कमजोर काँपती हुई थी
वह मुख्य मुख्य गायक का छोटा भई भाई है
या उसका शिष्यशिष्य
या पैदल चलकर सीखने आने वाला दूर का कोई रिश्तेदाररिश्तेदार
मुय मुख्य गायक की गरज़ में
वह अपनी गूँज मिलाता आया है प्राचीन काल से
चला जाता है भटकता हुआ एक अनहद में
तब संगतकार ही स्थायी स्थाई को सँभाले रहता है
जैसा समेटा समेटता हो मुख्य मुख्य गायक का पीछे छूटा हुआ सामान
जैसे उसे याद दिलाता हो उसका बचपन
जब वह नौसिखिया था
तारसप्तक तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला
प्रेरणा अस्त साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त उत्साह अस्त होता हुआ
आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ
तभी मुख्य मुख्य गायक को ढाढस बँधाता
कहीं से चला आता है संगतकार का स्वरस्वर
कभी-कभी वह यों ही दे देता है उसका साथ
गाया जा चुका राग
और उसकी आवाज़ में जो एक हिचक साफ साफ़ सुनाई देती है
या अपने स्वर स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है
उसे विफलता नहीं
उसकी मनुष्यता मनुष्यता समझा जाना चाहिए। (रचनाकाल : 1995)