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क्या लाए! / केदारनाथ अग्रवाल

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आशा दिया है दिलासा दिया है!
ठेंगा दिखाकर रवाना किया है!
::दोनों नयन भर लाए!::अच्छी आजादी लाए?
रचनाकाल: २८-१२-१९४६
</poem>
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