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कवितावली/ तुलसीदास / पृष्ठ 29
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11:57, 1 मई 2011
रामके बिरोधें बुरो बिधि-हरि -हरहू को,
सबको भलो है राजा रामके रहम हीं।8।
</poem>
Dr. ashok shukla
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