|कृतियाँ=मानवी (1938), माधवी (1938), ज्योतिष्मती (1938), संचिता (1939), सुमना(1941), सागरिका(1944), ग्रामिका (1951), जगदालोक (प्रबंध-काव्य, 1952), प्रेमांजलि [(1953), कादम्बिनी (1954), विश्वगीत (1955)| अप्रकाशित कृतियाँ हैं-- मीरा ,शांति-गीत |
|विविध=
|अंग्रेज़ीनाम=Gopal Sharan Singh
|जीवनी=[[गोपालशरण सिंह / परिचय]]
}}