Changes

गोरख बाणी / गोरखनाथ

2 bytes added, 16:23, 6 मई 2011
{{KKCatKavita}}
<poem>
नाथ बोले अमृत बाणी
वरिषेगी कंबली भीजैगा पाणी ।
गाडी पडरवा बांधिले शूंटा, चले दमामा बाजिलै ऊंटा ।
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,667
edits