Changes

मोको न लेेनो , न देनो कछू , कलि! भूलि न रावरी ओर चितैहौं।।
जानि कै जोरू करौ, परिनाम तुम्हैं पछितैहौ , पै मैं न भितैहौं।। ब्राह्मन ज्यों उगिल्यो उरगारि, हौं त्यों हीं तिहारें हिएँ न हितैहौं।।
</poem>
Mover, Reupload, Uploader
7,916
edits