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छाया मत छूना / गिरिजाकुमार माथुर
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,
12:20, 12 मई 2011
}}
छाया मत छूना मन
,
होता है दुख
दूना।
दूना मन
जीवन में हैं सुरंग सुधियाँ सुहावनी
डा० जगदीश व्योम
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