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'प्यार' संजो कर रखो/रमा द्विवेदी
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09:37, 13 जून 2011
एक ज़ज़्बा,एक अहसास है,
जिसे संसार भर के शब्दकोश भी,
परिभाषित नहीं कर सकते
}
,
प्यार से पगे शब्द,
रूखे अधरों पर
Ramadwivedi
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